
Table of contents (MANISHA)
Sl.No. | Authors | Title | Page No. | Read |
---|---|---|---|---|
1 td > | प्रो. विष्णुपदमहापात्रः | चरित्रनिर्माणे उपनिषदः योगदानम् | १-५ | Read |
2 td > | डॉ. लक्ष्मीकान्तषडङ्गी | वेदानुशीलने श्री-अरविन्दः | ६-१२ | Read |
3 td > | डॉ. अजयकुमारकरः | शक्तिविषये मीमांसकमतोपस्थापनम् | १३-१६ | Read |
4 td > | डॉ. गोपीकृष्णन्-रघुः | प्रक्रियाक्रमः पाणिनीयव्याकरणञ्च | १७-२१ | Read |
5 td > | डॉ. नीरजकुमारभार्गवः | रघुनाथभट्टाचार्याभिमताख्यातार्थविचारः | २२-३१ | Read |
6 td > | डॉ. प्रतिमभट्टाचार्यः | संस्कृतव्याकरणस्य प्रसारे जानकीनाथ- भट्टाचार्यशास्त्रिमहोदयस्य अवदानम् | ३२-३७ | Read |
7 td > | शुभमाझिः | मिताक्षरागतकारकाधिकारीयसूत्राणां प्रत्युदाहरणपर्यालोचनम् | ३८-४६ | Read |
8 td > | विनयकुमारः | पदशक्तिस्वरूपविचार: | ४७-५१ | Read |
9 td > | मिन्टु-दे | अक्षपाददर्शनदिशा प्रमाणविचारः | ५२-५६ | Read |
10 td > | मलय-दे, डॉ. उत्तमविश्वासः च | न्याय-वैशेषिकदर्शनयोः अदृष्टतत्त्वविमर्शः | ५७-६५ | Read |
11 td > | डॉ. रत्नाकरखुण्टिआ | रूपकालङ्कारनिरूपणे प्राचीननव्यन्यायमतयोः तुलनात्मकं विवेचनम् | ६६-६८ | Read |
12 td > | डॉ. भारतभूषणरथः | भगवद्ब्रह्मविरचिते गुण्डिचाशतके साहित्यश्रीः | ६९-७२ | Read |
13 td > | डॉ. सुबोधकुमारनन्दः | विंशशताब्दिकं महाकाव्यं पाण्डवविक्रमम् | ७३-८१ | Read |
14 td > | डॉ. अरविन्दमहापात्रः | अध्यासरम्या च रामायणकथा | ८२-८६ | Read |
15 td > | चन्दनमहान्ती | गौडीयसंस्कृतसाहित्ये चम्पूकाव्यस्य उद्भवः विकासश्च | ८७-९६ | Read |
16 td > | डॉ. पापनचन्दः | कालिदासीयदृश्यकाव्येषु वैदिकसंस्कारविमर्शः | ९७-१०२ | Read |
17 td > | मौमिताखाण्डा | गुणस्वरूपनिरूपणे पण्डितराजजगन्नाथस्य विशेषत्वम् | १०३-१०७ | Read |
18 td > | सत्येन्द्रनाथ-आदकः | नाट्यकारभासस्य स्वाभिनव-नाट्यकौशलम् | १०८-११४ | Read |
19 td > | दीपकमण्डलः | जन्मबन्धस्वरूपविचारः | ११५-११७ | Read |
20 td > | डॉ. नेपालदासः | गुणत्रयविचारः | ११८-१२३ | Read |
21 td > | तन्मयरायः | साम्प्रतिकसन्दर्भे श्री-अरविन्दस्य शिक्षादर्शनं शिक्षाचिन्तनञ्च | १२४-१२७ | Read |
22 td > | देवसुजन-मुखार्जी | कौटिल्यकालिकवाणिज्यनिर्वाहाधुनिक- कालिकवाणिज्यनिर्वाहयोः तुलनात्मकं विश्लेषणम् | १२८-१३५ | Read |
Table of contents (MANISHA)
Sl.No. | Authors | Title | Page No. | Read |
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1 td > | प्रो. विष्णुपदमहापात्रः | चरित्रनिर्माणे उपनिषदः योगदानम् | १-५ | Read |
2 td > | डॉ. लक्ष्मीकान्तषडङ्गी | वेदानुशीलने श्री-अरविन्दः | ६-१२ | Read |
3 td > | डॉ. अजयकुमारकरः | शक्तिविषये मीमांसकमतोपस्थापनम् | १३-१६ | Read |
4 td > | डॉ. गोपीकृष्णन्-रघुः | प्रक्रियाक्रमः पाणिनीयव्याकरणञ्च | १७-२१ | Read |
5 td > | डॉ. नीरजकुमारभार्गवः | रघुनाथभट्टाचार्याभिमताख्यातार्थविचारः | २२-३१ | Read |
6 td > | डॉ. प्रतिमभट्टाचार्यः | संस्कृतव्याकरणस्य प्रसारे जानकीनाथ- भट्टाचार्यशास्त्रिमहोदयस्य अवदानम् | ३२-३७ | Read |
7 td > | शुभमाझिः | मिताक्षरागतकारकाधिकारीयसूत्राणां प्रत्युदाहरणपर्यालोचनम् | ३८-४६ | Read |
8 td > | विनयकुमारः | पदशक्तिस्वरूपविचार: | ४७-५१ | Read |
9 td > | मिन्टु-दे | अक्षपाददर्शनदिशा प्रमाणविचारः | ५२-५६ | Read |
10 td > | मलय-दे, डॉ. उत्तमविश्वासः च | न्याय-वैशेषिकदर्शनयोः अदृष्टतत्त्वविमर्शः | ५७-६५ | Read |
11 td > | डॉ. रत्नाकरखुण्टिआ | रूपकालङ्कारनिरूपणे प्राचीननव्यन्यायमतयोः तुलनात्मकं विवेचनम् | ६६-६८ | Read |
12 td > | डॉ. भारतभूषणरथः | भगवद्ब्रह्मविरचिते गुण्डिचाशतके साहित्यश्रीः | ६९-७२ | Read |
13 td > | डॉ. सुबोधकुमारनन्दः | विंशशताब्दिकं महाकाव्यं पाण्डवविक्रमम् | ७३-८१ | Read |
14 td > | डॉ. अरविन्दमहापात्रः | अध्यासरम्या च रामायणकथा | ८२-८६ | Read |
15 td > | चन्दनमहान्ती | गौडीयसंस्कृतसाहित्ये चम्पूकाव्यस्य उद्भवः विकासश्च | ८७-९६ | Read |
16 td > | डॉ. पापनचन्दः | कालिदासीयदृश्यकाव्येषु वैदिकसंस्कारविमर्शः | ९७-१०२ | Read |
17 td > | मौमिताखाण्डा | गुणस्वरूपनिरूपणे पण्डितराजजगन्नाथस्य विशेषत्वम् | १०३-१०७ | Read |
18 td > | सत्येन्द्रनाथ-आदकः | नाट्यकारभासस्य स्वाभिनव-नाट्यकौशलम् | १०८-११४ | Read |
19 td > | दीपकमण्डलः | जन्मबन्धस्वरूपविचारः | ११५-११७ | Read |
20 td > | डॉ. नेपालदासः | गुणत्रयविचारः | ११८-१२३ | Read |
21 td > | तन्मयरायः | साम्प्रतिकसन्दर्भे श्री-अरविन्दस्य शिक्षादर्शनं शिक्षाचिन्तनञ्च | १२४-१२७ | Read |
22 td > | देवसुजन-मुखार्जी | कौटिल्यकालिकवाणिज्यनिर्वाहाधुनिक- कालिकवाणिज्यनिर्वाहयोः तुलनात्मकं विश्लेषणम् | १२८-१३५ | Read |